लेखनी कविता - मैडम - बालस्वरूप राही
मैडम / बालस्वरूप राही
मैडम तो है सीधी-सादी
लेकिन बच्चे नटखट हैं।
बड़े प्यार के साथ पड़ाती,
सब को खेल खिलाती हैं।
खेल-खेल में तरह-तरह की,
बातें हमें सिखाती हैं।
पकड़-पकड़ कर बिठलाती जब,
बच्चे करते खट-पट हैं।
मैडम तो हैं सीडी-सादी,
लेकिन बच्चे नटखट हैं।